बॉलीवुड के सुपरस्टार शाहरुख खान ने हाल ही में अपने दिवंगत माता-पिता के लिए अपनी भावनाओं का इज़हार किया। उन्होंने कहा कि वह बड़े बजट की फिल्में इसलिए बनाते हैं ताकि उनके माता-पिता स्वर्ग से उन्हें देख सकें। शाहरुख ने खासतौर पर अपनी मां की याद में ‘देवदास’ जैसी फिल्म करने का ज़िक्र किया, जिसे उन्होंने अपने दिल के करीब माना, भले ही कई वरिष्ठ कलाकारों ने उन्हें यह फिल्म न करने की सलाह दी थी।
शाहरुख ने बताया: “मेरे माता-पिता, लतीफ फातिमा और मीर ताज मोहम्मद खान, मेरे फिल्म इंडस्ट्री में आने से पहले ही गुजर चुके थे। मुझे हमेशा से यह लगता था कि मैं बहुत बड़ी फिल्में बनाऊं ताकि मेरी मां और पिता स्वर्ग से उन्हें देख सकें।” शाहरुख ने इसे “बचकाना” कहकर माना, लेकिन कहा कि “मैं अब भी सोचता हूं कि मेरी मां एक तारा बन गई हैं, और मैं जानता हूं कि वह कौन सा तारा है।”
उन्होंने यह भी बताया कि उनकी मां को ‘देवदास’ बहुत पसंद आती। शाहरुख ने कहा, “मेरी मां इसे देखती तो उसे ज़रूर पसंद आता।” इसके बावजूद कि कई वरिष्ठ कलाकारों ने उन्हें इस फिल्म को न करने की सलाह दी थी, शाहरुख ने फिल्म इसलिए की ताकि वह अपनी मां से कह सकें, “मां, मैंने ‘देवदास’ कर ली।”
2002 में रिलीज़ हुई ‘देवदास’ में शाहरुख ने मुख्य भूमिका निभाई थी, जिसमें ऐश्वर्या राय ने पारो का किरदार निभाया था, जैकी श्रॉफ ने चुन्नीलाल का और माधुरी दीक्षित ने चंद्रमुखी का किरदार निभाया था। यह देवदास फिल्म पांच राष्ट्रीय पुरस्कार जीतने में सफल रही थी।
शाहरुख का यह इमोशनल जुड़ाव उनकी फिल्मों और करियर के प्रति उनकी गहरी सोच को दर्शाता है, जिसमें वे अपने माता-पिता को सम्मानित करने की कोशिश करते हैं।