न्यूज़ीलैंड के बल्लेबाज रचिन रवींद्र ने अपने भारतीय मूल का जश्न मनाते हुए बेंगलुरु के एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम में शानदार 134 रन बनाए। उनकी यह सफलता भारत में की गई कठिन ट्रेनिंग का नतीजा है, जिसमें चेन्नई सुपर किंग्स अकादमी में अभ्यास सत्र शामिल थे। इस पारी ने भारतीय परिस्थितियों के प्रति उनके अनुकूलन और उनके पिता के मार्गदर्शन में की गई कड़ी मेहनत को उजागर किया।
बेंगलुरु से गहरा रिश्ता
हर बार जब रचिन रवींद्र से उनके भारतीय मूल या बेंगलुरु कनेक्शन के बारे में पूछा जाता है, तो वह इस शहर की विशेषता के बारे में बताते हैं। रचिन का चिन्नास्वामी स्टेडियम से खास जुड़ाव है, जहां उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ शतक (108) जड़ा था और अब 134 रनों की शानदार पारी खेली।
खेल की समझ और नियंत्रण
रचिन की 157 गेंदों में 134 रनों की पारी में 13 चौके और 4 छक्के शामिल थे। तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज और जसप्रीत बुमराह के खिलाफ उन्होंने संयम दिखाया और स्पिनरों के खिलाफ आक्रामक हुए। उन्होंने कुलदीप यादव और रविचंद्रन अश्विन की गेंदों पर अपने शानदार शॉट्स से दर्शकों का दिल जीत लिया।
भारत में कड़ी तैयारी
रचिन के इस प्रदर्शन के पीछे सालों की मेहनत है। उनके पिता और कोच रविंद्र कृष्णमूर्ति ने उन्हें भारतीय परिस्थितियों में खेलने के लिए तैयार किया। रचिन ने भारत में विभिन्न अकादमियों में समय बिताया, विशेष रूप से चेन्नई सुपर किंग्स अकादमी में, जहां उन्होंने 40 डिग्री तापमान और ऊंची नमी में कड़ी ट्रेनिंग की।
Rachin Ravindra's father in the stands of Chinnaswamy. 👌❤️ pic.twitter.com/uaW05qbbCt
— Mufaddal Vohra (@mufaddal_vohra) October 18, 2024
चेन्नई सुपर किंग्स अकादमी में अनुभव
रचिन ने चेन्नई में लाल और काली मिट्टी की पिचों पर अभ्यास किया, जिससे उन्हें उपमहाद्वीप की परिस्थितियों के अनुकूल होने में मदद मिली। उन्होंने कहा, “इस अनुभव से मुझे अपने खेल को बेहतर बनाने में मदद मिली। चेन्नई सुपर किंग्स के साथ 4-5 दिनों का प्रशिक्षण मेरे लिए बहुत फायदेमंद साबित हुआ।”
रचिन की यह पारी उनकी तैयारी और खेल की समझ का बेहतरीन उदाहरण है, जो उन्हें भारतीय परिस्थितियों में बेहतर प्रदर्शन करने के लिए सक्षम बनाती है।